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Biography of J. K. Rowling in Hindi Jivani |
Biography of J. K. Rowling in Hindi Jivani | जे॰ के॰ रोलिंग की जीवनी
जे. के. रोलिंगका पूरा नाम जोन कैथलीन रोलिंग ( Joanne Kathleen Rowling ) है जो आज के ज़माने की सबसे प्रख्यात लेखिकाओं में से एक हैं। अंग्रेज़ी में लिखा उनका उपन्यास-क्रम हैरी पॉटर इक्कीसवीं सदी का शायद सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है!
जे. के. रोलिंग को बचपन से ही कहानियाँ पढ़ना और लिखना पसंद थी। उनकी एक ढाई साल की छोटी बहन थी जिसे बचपन में वे अकसर मायावी दुनिया की कहानियां लिखकर सुनाया करती थीं।
जब वे एक teenager थी, तब उनकी एक रिश्तेदार ने उन्हें जेसिका मिटफोर्ड की आटोबायोग्राफी “होन्स एंड रेबेल्स” पढने को दी! जे के रोलिंग को वह इतनी अच्छी लगी की मिटफोर्ड उनकी हिरोइन बन गयी और उनकी सारी किताबें रोलिंग ने पढ़ डालीं।
जे॰ के॰ रोलिंग की जीवनी
जे. के. रोलिंग का जन्म 31 जुलाई 1965 येट ग्लोसेस्टरशायर इंग्लैंड में हुआ था, उनके पिता एक एयरक्राफ्ट इंजिनियर थे और माँ एक विज्ञान तकनीशियन थी। जे. के. रोलिंग के पिता उनके जन्म के कुछ समय के बाद ही अपने परिवार साथ येट के पास के ही गाँव विंटरबार्न में जाकर बस गया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट माइकल प्रराइमरी स्कूल में हुई। 1982 में रोलिंग ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश-परिक्षा में भाग लिया, लेकिन उन्हें ऑक्सफोर्ड में प्रवेश नहीं मिल पाया और मजबूरन फ्रेंच तथा प्राचीन साहित्य की पढ़ाई के लिए उन्हें एक्सेटर विश्वविद्यालय में बी. ए. में प्रवेश लेना पड़ा।
जे. के. रोलिंग के अनुसार, उनके किशोरावस्था के दिन बहुत अच्छे नहीं थे, उनकी माँ बीमार रहती थीं और उनके माता पिता में अक्सर झगडा होता रहता था। रोलिंग की माता स्केलोरोसिस के रोग से ग्रसित थी। लंबी बीमारी के बाद 1990 में उनका निधन हो गय। रोलिंग अपनी माता के बहुत करीब थी। उनका निधन उनके लिए सदमे से कम नहीं था। वह अंदर से टूट गई और इंग्लैंड छोड़कर पुर्तगाल चली गई। वहाँ वे अंग्रेजी पढ़ाने लगी।
पुर्तगाल मे ही उनकी मुलाकात पुर्तगाल के एक टेलीविजन पत्रकार जॉर्ज अरांतेस से हुई। दोनों की ही दिलचस्पी साहित्य में थी, धीरे-धीरे वें एक-दूसरे के करीब आते चले गए और 16 अक्टूबर 1992 को दोनों ने विवाह कर लिया। विवाह के अगले साल ही जुलाई में उनकी पुत्री जेसिका इजाबेल का जन्म हुआ।
दुखद बात ये है की जे. के. रोलिंग की विवाहित जीवन भी काफी तनावपूर्ण था। वो घरेलू हिंसा के भी शिकार हुई । अंत मे उन्होंने नवम्बर, 1993 में अपने पति से तलाक ले लिया और उनसे अलग रहने लगी। इंग्लैण्ड की सामाजिक सुरक्षा बेरोजग लोगों को राज्य की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान करता था । जे. के. रोलिंग को भी अपने राज्य की ओर से आर्थिक सहायता मिलती थी। इसी आर्थिक सहायता के बल पर वें न केवल अपनी बेटी का पालन पोषण ठीक करने लगी बल्कि अपनी आगे की जिंदगी के विषय मे भी विचार करने लगी ।
परंतु इस तरह अभाव भरी जिंदगी जीना उन्हे पसंद नहीं था। जिसके वजह से वो डिप्रेसन के भी शिकार हो गई । जे. के. रोलिंग के अनुसार वो एक बार आत्महत्या का भी विचार कर चुकी थी। परंतु वो अपने साथ अपनी बेटी को मारना नहीं चाहती थी । अपनी बेटी के वजह से वह इस तरह की जिंदगी जीने पर मजबूर थी।
कहते है जो होता है अच्छे के लिए होता है जे. के. रोलिंग भी अपनी इस बर्बाद जिंदगी को ठीक करने की कोशिश करने लगी। परंतु उन्हे सिर्फ एक ही कला आती थी वो थी लेखन। जे. के. रोलिंग मंदिल की सीढ़ियों पर बैठ कर पूरा दिन अपने किताब को लिखने मे लगी रहती थी।
वेसे तो वो कई पुस्तक लिखी है, लेकिन वो पूरी दुनिया मे अपनी हैरी पॉटर नामक पुस्तक की वजह से प्रसिद्ध हुई है । एक दिन जब वे मेनचेस्टर से लन्दन आ रही थीं तो उनकी ट्रेन चार घंटे लेट हो गयी, इसी सफ़र के दोरान उन्हें एक लड़के की कहानी, जो जादुई स्कूल में पढने जा रहा है, लिखने का आयडिया आया, और यही से शुरू हुई हैरी पॉटर की शृंखला।
जे.के.रोलिंग की उपन्यास
1990 के दशक में जब उनका पहला उपन्यास लिखकर पूरी तरह से तैयार हो गयी तब अनेक प्रकाशकों ने उनके हैरी पॉटर शृंखला के पहले उपन्यास को छापने से इनकार कर दिया था। अनेक अस्वीकृतियों तथा निराशाओं के बाद आखिर उनका पहला उपन्यास "हैरी पॉटर एंड द फिलोस्फर्स स्टोन" 1997 में प्रकाशित हुआ। इस उपन्यास ने दुनिया भर में धुम मचा दी।
1998 में जब अमेरिका में इस उपन्यास का दूसरा संस्करण "हैरी पॉटर एंड सोंर्सेरर्स स्टोन नाम से प्रकाशित हुआ तो इस उपन्यास की इतनी बिक्री हुई की ये पहले उपन्यास का भी रिकार्ड तोड़ दिया। इस शृंखला में रोलिंग के अब तक सात उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं और वें सभी पाठकों में अत्यधिक लोकप्रिय रहे हैं। अब तक पॉटर उपन्यास के शृंखला के सभी उपन्यासों पर फिल्मे बन चुकी है और उन सभी को दुनिया भर में असाधारण सफलता मिली है। उपन्यासों तथा फिल्मों की सफलता ने रोलिंग को एक गरीब महिला से अरबपति लेखिका बना दिया है।
2001 में रोलिंग ने नील माइकल मूरे नामक एक डॉक्टर से दूसरा विवाह कर लिया था। 2005 में उनकी सबसे छोटी बेटी मेकेंजी का जन्म हुआ। रोलिंग आज अपने परिवार के साथ एक सफल एवं सुखी जीवन व्यतीत कर रही है।
हालाँकि हैरी पॉटर श्रृंखला खत्म हो चुकी है पर रोलिंग अभी अन्य लेखन कार्यो में काम कर रही है।'द टेल्स ऑफ़ बीडल द बार्ड'- पांच कल्पित कथाओ का संग्रह जिसका उल्लेख हैरी पॉटर में किया गया था, उसका सर्व प्रथम प्रदर्शन एडिनबुर्ग में स्कॉटलैंड के राजकीय पुस्तकालय में 200 स्कूल विद्यार्थियो के समक्ष हुआ। रोलिंग ने पुस्तक की सारी कमाई ‘चिल्ड्रन हाई लेवल ग्रुप’ संस्था को दे दी जिसकी वो सह संस्थापक थी।
जे.के.रोलिंग की सफलता -
सन 2004 में फोर्ब्स पत्रिका ने एक रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार जे.के.रोलिंग इस दुनिया की पहली महिला लिखिका है जो उपन्यास लिखकर अरब पति बनी है। वो विश्व कि दूसरी सबसे अमीर मनोरंजक लिखिका भी है । रोलिंग ने इस गणना को विवादित ठहराते हुए कहा है कि, उनके पास संपत्ति तो बहुत है परन्तु वो एक अरब पति नहीं है । सन्डे टाइम्स ने ब्रिटेन के सबसे धनी लोगो की सूची में रोलिंग का नाम 144 स्थान पर रखा था। फरवरी 2023 में बीबीसी रेडियो 4 पर 'वूमन्स आर' के द्वारा जे.के.रोलिंग का आकल न संयुक्तराज की तेरहवी सबसे प्रभावशाली महिला के रूप में किया गया। रोलिंग अब ब्रिटेन की तेहरवी सबसे संपन्न महिला है, ब्रिटेन की महारानी से भी अधिक संपन्न।
जे.के.रोलिंग की उपन्यास -
1- हैरी पॉटर और पारस पत्थर
2- हैरी पॉटर और रहस्यमयी तहख़ाना
3- हैरी पॉटर और अज़्कबान का क़ैदी
4- हैरी पॉटर और आग का प्याला
5- हैरी पॉटर और मायापंछी का समूह
6- हैरी पॉटर और हाफ़-ब्लड प्रिंस
7- हैरी पॉटर और मौत के तोहफ़े
सातों उपन्यासों के ऊपर कुल मिलाकर आठ फ़िल्में भी बनी हैं, जो सुपरहिट रही हैं और उन्होंने ऑस्कर भी जीते हैं। सारी सातों किताबों के हिन्दी संस्करण उपलब्ध हैं।
पुरस्कार और सम्मान
1998: नेस्ले स्मर्तीएस पुस्तक पुरस्कार, गोल्ड अवार्ड- हैरी पॉटर और रहस्य के चैंबर।
1999: नेस्ले स्मर्तीएस पुस्तक पुरस्कार, गोल्ड अवार्ड- हैरी पॉटर और अज़्काबान का क़ैदी।
2000: ब्रिटिश पुस्तक पुरस्कार, यह साल कि लेखक।
2000: लोकस पुरस्कार- हैरी पॉटर और अज़्काबान का क़ैदी।
2007: ब्लू पीटर बैज, गोल्ड
जे. के. रोलिंग का अनमोल विचार -
1- यदि आपके पास भरपूर हिम्मत है तो कुछ भी संभव है.
2- मैं मानती हूँ कि जबतक आप जीवित हैं, आप काम कर रहे हैं और सीख रहे हैं.
3- . मैं एक लेखिका हूँ, और मुझे लगता है कि मैं जो चाहूंगी वही लिखूंगी.
4- यदि आप किसी चीज से प्यार करते हैं – और मैं भी कई चीजों से प्यार करती हूँ – आप इसके बारे में अधिक से चाहते हैं, लेकिन अच्छा काम करने का यह तरीका नहीं है.
5- यदि आप एक आदमी का सही परिमाप देखना चाहते हैं, देखो कि वह अपने कनिष्ट के साथ कैसा व्यवहार करता है न कि बराबरी वाले के साथ।
6- एक उपन्यास में आपको सब कुछ बताने के लिए आग्रह का विरोध करना पड़ता है।
7- जो आनेवाला है वह ज़रूर आएगा और हमें सिर्फ इससे मिलना होता है जब यह घटित होता है।
8- मैं अपने पूरे जीवन लिख रही हूँ, और मैं हमेशा लिखती रहूंगी